!! श्री उमामहेश्वराय नमः !!
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🕉️ दैनिक पञ्चाङ्ग 🕉️
🌸 👉 दिनांक : 11/07/2021
🏵️ 👉 विक्रम संवत : 2078
🌸 👉 शकाब्द : 1943
🏵️ 👉 ऋतु : ग्रीष्म
🌻 👉 मास : आषाढ़
🌼 👉 पक्ष : शुक्ल
🌻 👉 तिथि : प्रतिपदा
🌼 👉 नक्षत्र : पुष्य ( रात्रि 2:05 यावत)
🌺 👉 सूर्योदय : प्रातः 5:15
🌹 👉 सूर्यास्त : संध्या 6:45
🍁 👉 योग : हर्षण
🌵 👉 मुहूर्त : पुंसवन सीमांत , विद्यारम्भ , नृत्य गीत वाद्य कलारम्भ
🌷 📎 विशेष पर्व / त्यौहार : गुप्त नवरात्र आरम्भ ,रवि पुष्य सर्वार्थ सिद्धि योग - रात्रि 2:05 यावत
☘️ नीति बोध ☘️
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चञ्चलं हि मनः कृष्ण प्रमाथि बलवद्दृढम् ।
तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम् ॥ (६.३४)
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भावार्थ : हे कृष्ण! क्योंकि यह मन निश्चय ही बड़ा चंचल है, अन्य को मथ डालने वाला है और बड़ा ही हठी तथा बलवान है, मुझे इस मन को वश में करना, वायु को वश में करने के समान अत्यन्त कठिन लगता है। (६.३४)
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श्रीभगवानुवाच
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असंशयं महाबाहो मनो दुर्निग्रहं चलम् ।
अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते ॥ (६.३५)
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भावार्थ : श्री भगवान ने कहा - हे महाबाहु कुन्तीपुत्र! इसमे कोई संशय नही है कि चंचल मन को वश में करना अत्यन्त कठिन है, किन्तु इसे सभी सांसारिक कामनाओं को त्याग (वैराग्य) और निरन्तर अभ्यास द्वारा वश में किया जा सकता है। (६.३५)
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अमित पाठक 'शाकद्वीपी'
09304444946
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